It was the year 1967 when the first National Group Song Competition of patriotic songs was held. Ever since then such competitions have become an annual feature. In fact this inspirational annual competition generating patriotic fervor has come to provide a measure of Bharat Vikas Parishad’s popularity and identity among the student community, their family members and the teachers.
We had the privilege of having Presidents like Dr. Zakir Hussain, Gyani Zail Singh, Shri Neelam Sanjeeva Reddy and Shri Ram Nath Govind to preside over the annual National Group Song Competitions.
The competitions are held for students from class VIth to XIIth at Branch, Prant, Region and All India levels. In the competition at the national level, a team from each Region sings one patriotic song in Hindi from “Chetna Ke Swar” and a regional language and the best teams are awarded prizes.
Every year over 5 lakh students from about 50,000 schools participate in this programme at the branch level.
National Events
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Year 2011-12*
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Year 2009-10*
Year 2008-09*
Year 2007-08*
*To be added
राष्ट्रीय समूहगान प्रतियोगिता भारत विकास परिषद द्वारा ‘संस्कार निर्माण’ के उद्देश्य से किये जा रहे विभिन्न प्रकल्पों में सर्वाध्कि लोकप्रिय प्रकल्प है। इस प्रतियोगिता का मूल उद्देश्य है देश के नन्हें, नौनिहालों में तथा युवा पीढ़ी में भी राष्ट्रीयता की भावना, चारित्रिक गुण, सामाजिक उत्तरदायित्व और नैतिकता के मूल्यों का सृजन करना।
भारत विकास परिषद् ने सर्वप्रथम 1967 में दिल्ली के स्कूल-काॅलेजों के छात्रा-छात्राओं को देशभक्ति के गीत सामूहिक रूप में गाने के लिए प्रेरित किया और एक तत्संबंध्ी प्रतियोगिता का आयोजन किया, जिसमें तत्कालीन राष्ट्रपति महामहिम डाॅ. जाकिर हुसैन साहब भी उपस्थित हुए। उन्होंने कार्यक्रम की भूरि-भूरि प्रशंसा की तथा परिषद् को इस कार्यक्रम को देशव्यापी बनाने के लिए प्रोत्साहित किया।
राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रीय समूहगान प्रतियोगिता का प्रथम आयोजन वर्ष 1975 में सम्पन्न हुआ और इस प्रकल्प की अपनी अनवरतता, भव्यता एवं लोकप्रियता के साथ प्रति वर्ष राष्ट्रीय आयोजन होते हैं।
राष्ट्रीय समूहगान प्रतियोगिता में हिन्दी एवं संस्कृत गीतों के साथ ही क्षेत्राीय गीतों की प्रतियोगिता भी होती है। भारत एक विशाल देश है और देश के प्रत्येक राज्य एवं क्षेत्रा का अपना गौरवपूर्ण अतीत है, अपने-अपने क्षेत्रों की वीर-गाथाएँ है और क्षेत्रों के सांस्कृतिक मूल्यों के अनुरूप गीत और संगीत की परम्पराएँ हैं। इन्हीं की सामूहिक अभिव्यक्ति का माध्यम है ‘क्षेत्राीय समूहगान प्रतियोगिता’। विभिन्न क्षेत्रों, विभिन्न वेश-भूषाएँ भिन्न-भिन्न भाषाएँ एवं भिन्न-भिन्न संगीत यंत्रा आयोजन में गरिमामयी भारत का सुन्दर एवं समग्र चित्र बना देते हैं।
राष्ट्रीय समूहगान प्रतियोगिता परिषद् द्वारा चयनित गीतों की पुस्तिका ‘राष्ट्रीय चेतना के स्वर’ पर आधरित होती है, जिसमें राष्ट्रभाव एवं राष्ट्रीय एकात्मता के विभिन्न पहलुओं को लेकर गीतों का चयन किया जाता है, यद्यपि समय-समय पर इन गीतों/गानों में परिवर्तन किया जाता रहा है। इन गीतों में राष्ट्र-प्रेम की भावना को संचरित करने पर विशेष बल दिया गया है, जिसमें प्रत्येक प्रकार के राष्ट्र सेवा की संकल्पना है।
राष्ट्रीय समूहगान प्रतियोगिता तीन स्तरों पर आयोजित की जाती है। सर्वप्रथम इस प्रतियोगिता का आयोजन शाऽा स्तर पर किया जाता हैं शाऽा स्तर पर प्रथम आने वाली टीमें प्रान्तीय स्तर के आयोजन में भाग लेती हैं और प्रान्तीय स्तर पर सर्वोच्च स्थान प्राप्त करने वाली टीमें राष्ट्र-स्तरीय आयोजन में सहभागिता करती है।इस प्रकल्प के राष्ट्रीय स्तर के आयोजनों में राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद, डाॅ. जाकिर हुसैन के अतिरिक्त श्री वी.वी. गिरि ; श्री वराहगिरि वेंकट गिरिद्ध, श्री नीलम संजीव रेड्डी व श्री ज्ञानी जैल सिंह जी ने अध्यक्षता करके इन कार्यक्रमों की शोभा में श्रीवर्धि की है।
देशभक्ति के गीतों से परिपूर्ण इस प्रतियोगिता ने ही परिषद् की छात्रा-छात्राओं के मध्य लोकप्रियता और पहचान बनाई है और निश्चित रूप से यह प्रकल्प भारत में अपने ढंग का अकेला और अपूर्व प्रकल्प है।