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गरीब बस्ती में लगभग 55 बच्चों को पाठय सामग्री एवं खाद्य सामग्री वितरित

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हरिद्वार : भारत विकास पंचपुरी शाखा हरिद्वार के पदाधिकारियों द्वारा नववर्ष पर जटवाड़ापुल, ज्वालापुर के समीप गरीब बस्ती में लगभग 55 बच्चों को पाठय सामग्री एवं खाद्य सामग्री वितरित की. भारत विकास परिषद पश्चिम के जे.के मोंगा ने पाठय सामग्री का वितरण करते हुए बच्चों को नियमित रूप से स्कूल जाने के लिए प्रेरित किया. उन्होंने कहा संस्था का उद्देश्य गरीब बच्चों को पढ़ाई के लिए प्रेरित करने के साथ पढ़ाई को लेकर बच्चों को उत्साहित करना है. पंचपुरी शाखा के सचिव डा. उधम सिंह ने कहा कि मलिन बस्तियों में बच्चों में शिक्षा के प्रति रुचि जगाने के लिए इस तरह के कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाले बच्चे आज भी शिक्षा के क्षेत्र में काफी पीछे हैं. उनके परिवार की आर्थिक स्थिति दयनीय रहने के कारण बच्चों को उचित मार्गदर्शन नहीं मिल पाता है. इसके लिए संस्था अभिभावकों को भी जागरूक करेगी.

उन्होंने कहा कि पंचपुरी शाखा जल्द ही गर्म कम्बल वितरित करेगी. पंचपुरी शाखा के कोषाध्यक्ष हेमन्त सिंह नेगी ने कहा कि भविष्य में भी आवश्यकतानुसार सामग्री प्रदान की जाती रहेगी. हमारी कोशिश यह है कि अभावों के चलते कोई भी बालक बालिका अपनी पढ़ाई बीच में न छोड़े. उल्लेखनीय है कि मन्नु काजला एवं उनके साथी यहां निरन्तर अध्यापन कराते है. मन्नु काजला ने कहा कि बच्चों के लिए दी गयी यह सहायता उनको आगे बढ़ने में मदद करेगी. इस अवसर पर डा. महेन्द्र सिंह असवाल, डा. हेमवती नन्दन, डा. कृष्ण कुमार डा. सुयश भारद्वाज, रश्मि मोगा इत्यादि उपस्थित रहे. भारत विकास पंचपुरी शाखा हरिद्वार के पदाधिकारियों द्वारा नववर्ष पर जटवाड़ापुल, ज्वालापुर के समीप गरीब बस्ती में लगभग 55 बच्चों को पाठय सामग्री एवं खाद्य सामग्री वितरित की. भारत विकास परिषद पश्चिम के जे.के मोंगा ने पाठ्य सामग्री का वितरण करते हुए बच्चों को नियमित रूप से स्कूल जाने के लिए प्रेरित किया. उन्होंने कहा संस्था का उद्देश्य गरीब बच्चों को पढ़ाई के लिए प्रेरित करने के साथ पढ़ाई को लेकर बच्चों को उत्साहित करना है. पंचपुरी शाखा के सचिव डा. उधम सिंह ने कहा कि मलिन बस्तियों में बच्चों में शिक्षा के प्रति रुचि जगाने के लिए इस तरह के कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. झुग्गी झोपडियों में रहने वाले बच्चें आज भी शिक्षा के क्षेत्र में काफी पीछे हैं. उनके परिवार की आर्थिक स्थिति दयनीय रहने के कारण बच्चों को उचित मार्गदर्शन नहीं मिल पाता है. इसके लिए संस्था अभिभावकों को भी जागरूक करेगी.