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प्रांत स्तरीय महिला कार्यकर्ता कार्यशाला “स्वयंसिद्धा” आयोजित

हिण्डौनसिटी. भारत विकास परिषद शाखा विवेकानंद के तत्वावधान में रविवार को जिला चिकित्सालय के पास स्थित एक मैरिज गार्ड ने प्रांत स्तरीय महिला कार्यकर्ता कार्यशाला स्वयंसिद्धा आयोजित हुई। कार्यशाला में वक्ताताओं ने कहा कि वैदिक काल के चले आ रहे निर्मात्री के स्वरूप के साथ नारी को स्वयंसिद्धा बनना चाहिए। नारी यानी आधी दुनिया के स्वयं सम्पन्न होने से ही समाज में सम्पूर्णता आएगी।

मैरिज गार्र्डन मेंं ध्रुवघटा के संत हरिद्रानंद सरस्वती के मुख्य आतिथ्य में हुई कार्यशाला का मुख्य वक्ता डॉ. कुमकुम कपूर, डॉ. राजेश्वरी मीणा ,प्रांतीय महासचिव बृजेंद्र सिंघल, उपाध्यक्ष हर्षवर्धन शर्मा,प्रांतीय महिला समन्वयक मीना शर्मा , प्रांतीय वित्त सचिव राजेश गुप्ता्र रीजनल महासचिव डॉ. त्रिभुवन शर्मा ने मां भारती एवं स्वामी विवेकानंद के चित्रपट के समक्ष दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ किया। अतिथियों ने महिला सशक्तिकरण एवं परिषद के सेवा एवं संस्कार सूत्रों पर आधारित नारी की महत्वता एवं उनके दायित्वों पर प्रकाश डाला। परिषद उपाध्यक्ष देवी शरण अग्रवाल एवं डॉ आनंद अग्रवाल ने बताया कि समापन सत्र की मुख्य अतिथि बयाना विधायक डॉ रितु बनावत ने राष्ट्रीय सेवा में महिला की भूमिका पर उद्बोधन दिया।

द्वितीय सत्र की मुख्य वक्ता अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की राष्ट्रीय सचिव व मनसा की प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सुनीता अग्रवाल समाज में भारतीय महिला की भूमिका पर विस्तृत विवेचना की। शाखा सचिव नानक चंद गुप्ता ने बताया कि परिषद प्रांत की 20 शाखाओ से लगभग 180 मातृशक्ति, विभिन्न शाखों के प्रमुख दायित्वधारी, एवं प्रांतीय प्रकल्प प्रभारी ,प्रांतीय पदाधिकारियो ने कार्यक्रम में भाग लिया। इससे पूर्व परिषद के शाखा प्रधान मुकेश जिंदल सहित मातृशक्ति सविता जिंदल, सरोज जिंदल ,सपना पटवारी ,नीलम मित्तल ,रेनू अग्रवाल, बीना गुप्ता, सरिता गुप्ता ,रजनी गुप्ता ,लक्ष्मी राजावत, रेखा गोयल ने अतिथियों व महिला आगंतुकों का स्वगात किया। कार्यक्रम का संचालन प्रांतीय प्रभारी मनीष कुमार आर्य एवं ज्योति शर्मा द्वारा किया गया।

सम्पूर्णता के बताए 5 सोपान
कार्यशाला में प्रांतीय महिला समन्वयक मीना शर्मा ने समाज में महिलाओं को सम्पूर्णता के लिए पांच सोपान बताए। जिससे नारी स्वयं सिद्धा बन सकती है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य के लिए एनीमिया मुक्त भारत, लिंगानुपात की समानता के लिए बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ और बसाओ, आत्मनिर्भरता के लिए कार्यों से जोडऩा, बाल संस्कार व परिवार प्रबोधन कार्यक्रमों का समाज की सम्पूर्णता के लिए जरूरी है।
Patrika: 27 Fedbruary 2024