Rashtriya Chetna Ke Swar - राष्ट्रीय चेतना के स्वर

कभी न रोक सके


कभी न रोक सके हैं हमको आँधी और तूफान, 
देशभक्ति के मतवाले हम बालक वीर जवान।। 

हम सब भारत माँ के बच्चे आशा हिम्मत वाले, 
हम हैं नन्हें वीर सिपाही कभी न झुकने वाले, 
जितने जग में शत्रु मित्र हैं, उनकी है पहचान।। 

जिस धरती की गोदी में हम पलकर बड़े हुए हैं, 
घुटनों के बल सरक-सरक कर जिस पर खडे़ हुए हैं, 
उसी धरा की धूल में खेले है भगवान।। 

जब-जब कोई शत्रु हमारा भिड़ने आया, 
पाक चीन जैसे दुष्टों को हमने खूब छकाया, 
टकराकर हो गए चूर सब भागे लेकर जान।।