Rashtriya Chetna Ke Swar - राष्ट्रीय चेतना के स्वर

भारत माँ की संतानें 


भारत माँ की संतानें  हम शीष झुकाना क्या जाने 
धरा उठा लें गगन झुका दें उठे चले सीना ताने, 
भारत माँ की संतानें हम …..
 
हम ही कृष्ण का चक्र सुदर्शन हम अर्जुन के तीर हैं 
ध्रुव प्रहलाद भरत के भाई हम अभिमन्यु वीर हैं 
हम हँसते हैं तूफानों में रोना धोना क्या जानें  
भारत माँ की संतानें हम शीष झुकाना क्या जाने।।1।। 

हम प्रताप की पुण्य धरोहर, हम ही शिवा की शान हैं 
हम ही राम के अग्नि बाण हैं, चन्द्रगुप्त का मान हैं 
गुरूगोविन्द के वंशज है हम, धर्म बदलना क्या जानें 
भारत माँ की संतानें हम शीष झुकाना क्या जाने।।2।। 

यह धरती अपनी माता है, हम इसकी संतान हैं, 
इसकी सेवा में ही अर्पित करते तन-मन प्राण हैं 
इसकी निश दिन करें आरती, और तराने क्या जानें 
भारत माँ की संतानें हम शीष झुकाना क्या जाने।।3।।