Rashtriya Chetna Ke Swar - राष्ट्रीय चेतना के स्वर

विश्व सुमंगल---


भारत की धरती से प्रगटी – विश्व सुमंगल भावना
सभी के सुख की कामना                  ।।ध्रु-।।

वसुधा को माना परिवार
समग्रता से किया विचार
लाँध दिये सारे वन पर्वत, चली अखण्डित साधना    ।।1।।

वायु, जल, अग्नि और धरती
कण-कण में नवजीवन भरती
ट्टषि मुनि आत्मलीन हो करते, दिव्य ज्ञान आराधना  ।।2।।

हरेक का वैशिष्ट्य निराला
अगणित मोती एक ही माला
धर्म, अर्थ और काम, मोक्ष की, तत्वनिष्ठ दृढ़ धारणा  ।।3।।

प्राप्त करेंगे लक्ष्य महान्
करना है जन जन का त्रण
ध्येय समर्पित सिद्ध शक्ति की, करना नित्य उपासना  ।।4।।