भीलवाड़ा : भारत दो हजार स्टूडेंट्स के सामने सात टीमें मंच पर कंप्यूटर के समक्ष बैठी थी। खचाखच भरे स्टेडियम में सभी टीमों के सामने कंप्यूटर पर एक सवाल आता है- कौन सी कश्मीरी लड़की ने सन 1971 के युद्ध में पाकिस्तान में भारत के जासूस के रूप में काम किया था। चार विकल्प आते हैं। बजर की आवाज आती है और एक टीम उसका जवाब देती है। इसके साथ ही उसको 10 अंक मिलते है। अगर जवाब गलत होता है तो दूसरे को मौका मिलता है और पहले वाले के खाते में 5 अंक कट जाते है।  

 कौन बनेगा करोड़पति की तर्ज पर भारत को जानो राष्ट्रीय प्रतियोगिता का आयोजन भीलवाड़ा में शनिवार को हुआ। आधुनिक समय की पाइथोगोरस प्रमेय के नाम से प्रसिद्ध प्रमाण प्राचीन भारत के गणितज्ञ ने किया था। एक बार फिर चार विकल्प कंप्यूटर स्क्रीन पर। दो घंटे की परीक्षा के दौरान इसी तरह सवाल आते गए और टीमें जवाब देती गई। कनिष्ठ और वरिष्ठ वर्ग में 7-7  टीमों के बीच मुकाबला हुआ। दोनों वर्गों में पहले, दूसरे और तीसरे स्थान पर रहने वाली टीमों को लैपटॉप, फैबलेट और टेबलेट दिए।

 ये रहे विजेता… कनिष्ठ वर्ग में पहले स्थान पर अंकुश यादव और साहिल गुप्ता की आगरा टीम रही। दूसरे पर मनोमय पंवार,सम्रधा ताले और तीसरे स्थान 

पर आदित्य और सोहा सदबुद्ध भोपाल रहे। पहले स्थान पर रीतू बेलारी, उज्जवल संभाग कर्नाटक, दूसरे स्थान पर संजय सेठी, सुनंदन गर्ग पंजाब व तीसरे स्थान पर पीयूष कुमार, चिन्मय सिंह झारखंड के विजेता रहे।

 सेवा और संस्कार से जुड़ी संस्था भाविप : सिंह
 समापन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए पंजाब के राज्यपाल वीपी सिंह ने कहा कि भारत विकास परिषद पूरे देश में सेवा और संस्कार के कार्य में सबसे अग्रणी संस्था है। ग्रामीण इलाकों मे जाकर सेवा करना बहुत ही मुश्किल कार्य है। लेकिन भारत विकास परिषद ने यह किया और इससे मेरा जुड़ाव पुराना है। जमाना बदल रहा है नई-नई तकनीक आ रही है। हमें आधुनिक तकनीक पर कार्य करना होगा। प्रतियोगिता प्रारंभ होने से पहले सभी प्रतिभागियों को पुरस्कार स्वरूप लेपटॉप बैग सहित अन्य सामग्री कैलाश सोनी, अरुण बाहेती, अनुज मुछाल ने दिए। अध्यक्षता भाविप के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. सुरेशचंद्र गुप्ता, विशिष्ट अतिथि आरसीएम चेयरमैन त्रिलोकचंद छाबड़ा ने की। बलराज आचार्य ने स्वामी विवेकानंद की जीवनी पर विचार रखे। अजय दत्ता, शांतिलाल पानगडिय़ा, मुकन सिंह राठौड़, दिनेश कोगटा, कैलाश अजमेरा, संदीप बाल्दी आदि उपस्थित थे।

 भारत को जानो प्रतियोगिता में सात राउंड हुए। पहले राउंड में भारत के गौरवशाली अतीत, दूसरे राउंड में प्रगतिशील वर्तमान भारत, तीसरे राउंड में विविध प्रश्न, चौथे राउंड में नेपथ्य के नायक संबंधी प्रश्न पूछे गए। पांचवें राउंड में पांच का पंच जिसमें पांच अलग-अलग तस्वीरों को पहचानना, छठे राउंड में संकेत वचन चक्र जिसमें संकेतों को देखकर उनसे संबंधित क्रिया के बारे में पूछा गया।

 प्रतियोगी जवाब नहीं दे पाए तो दर्शकों से पूछे, सही जवाब पर मिला इनाम… आखिरी सातवां राउंड दृश्य श्रव्य राउंड था। किसी की आवाज सुनकर उसके बारे में पहचानना था कि किस व्यक्ति की यह आवाज है। अगर प्रतिभागियों में से किसी को भी प्रश्नों का उत्तर नहीं आता है तो दर्शक दीर्घा में बैठे हुए छात्रों से प्रश्नों के उत्तर के बारे में पूछा गया और जिसने भी सही जवाब दिया उसको इनाम दिया गया।
(दैनिक भास्कर; 13 January,  2019)

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